गौर से काले पत्थर की इस मूर्ति को देखिये .
यह मूर्ति पटना जिले के एक निर्जन टीले से मिली है.
टीले के पास हीं फल्गु की एक शाखा बहती है.
किसकी मूर्ति है ?
किस काल की है ?
मगह देस ब्लॉग में बिहार के मगध क्षेत्र के राग रंग , हस परिहास , दुःख सुख ,इतिहास ,भूगोल ,राजनीति ,चाहत और भविष्य पर चर्चा होगी.
मूर्ति तो काली की ही है। कोई क्षेत्रीय नाम भी दिया हो सकता है। जैसे रुद्रकाली।
ReplyDeleteमुद्रा भयानक है। काली माई हो सकती हैं या कोई बज्रयानी/महायानी माया। सामान्यत: काली शिव के उपर खड़ी दिखाई देती हैं जब कि मूर्ति की मुद्रा बैठी हुई है। मूर्ति कला पर बौद्ध प्रभाव भी दिखते हैं।
ReplyDeleteरूद्र काली की ही लगती है।
ReplyDeleteमूर्ती एकदम से प्राचीन नहीं लगती. भैरवी की प्रतीत होती है. तंत्र साधकों के लिए बनायीं गयी.
ReplyDeletevery impressive projections
ReplyDeletemagadh ki birasat bahut mulyavan aur mahan hai.ise sajogne ke liye bihar sarkar ko magadh gaurav naam ka museum ,patna ,gaya aur bihar sahar men banana chahiye. kirpaya iske liye prayatna karen.
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