Wednesday 21 January 2009

मगही की मिठास और पहचान

प्राचीन मगध साम्रज्य की ह्रदय स्थली वर्तमान बिहार और झारखंड के पटना , गया ,हजारीबाग ,पलामू और रांची क सुदूर आदिवासी अंचल तक बोली जाने वाली भाषा मगही ।
भौगोलिक फैलाव - पूर्व में किउल नदी तक , पश्चिम में सोनभद्र नदी तक और उत्तर में गंगा तट तक । दक्षिण में सुदूर आदिवासी अंचल तक।
सरगुजा की बोली और पूर्वी छत्तीस गढ़ी भी मगही की बहन ही लगती है।
बोलने वालों की संख्या लगभग ४ करोड़ ।
यह मगध का वह क्षेत्र है जहाँ कम से कम पिछले २५०० साल से लगातार स्थाई खेती हो रही है। ग्रामीण और कृषि आधारित सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था।
बड़े बड़े साम्राज्यों के उथ्हान पतन ,
मगध साम्राज्य के उत्कर्ष और वैभव का प्रतीक राजगृह और प्राचीन पाटलिपुत्र ,
भगवान् बुद्ध की कर्म भूमि ,
अजात शत्रु और महान अशोक और चन्द्रगुप्त मौर्य , ज्ञानी चाणक्य और पाटलिपुत्र में रोमन दूत सेलूकस निकेतर ,हुवें सांग और फाहयान की भ्रमण स्थली
मगध की भाषा है मगही ।
वर्तमान बिहार शरीफ जो बिहार ही नहीं भारत में इस्लामका शुरूआती ठौर रहा है। नालंदा के विश्व प्रसिद्द महान विश्वविदयालय की चाहर दिवारी के लगे बोली जाने वाली भाषा मगही।
वर्तमान मगही अपने में न जाने कितने फारसी और अंग्रेजी के शव्दों को समाये हुए है।
लेकिन वर्तमान में पहचान और सम्मान से मरहूम । सनद रहे की बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की मातृभाषा मगही ही है .
मगध क्षेत्र की तमाम विशिष्ट तायों के लिए कितने अनूठे शब्दों का भण्डार है इसमें .
मगध कृषि प्रधान क्षेत्र है।
पुनपुन तथा फल्गु ( बुदध की तपो स्थली निरंजना नदी ) और इसकी सहायक नदियों और उनसे निकाल कर बनाई गयी अनगिनत पेएन और आहार से सिंचित , अपने मेहनती किसानों और धान की खेती के लिए महशूर ।
मगही पान और १९ सदी में इंग्लैंड में मशहूर पटना राइस की जन्मस्थली .
सदियों पूर्व मगधवासियों द्वारा सामुदायिक श्रम से मीलों दूर तक जाने वाली पेएन और आहार की श्रंखला बनाई गयी .सिंचाई की इस विधा ने खेती को बढावा दिया और दिया एक सुदृढ़ आर्थिक और सामाजिक आधार जिस पर मगध साम्राज्य अपने उत्कर्ष और वैभव को प्राप्त किया।
मगध क्षेत्र की इस पुरातन और कारगर सिंचाई विधा की जानकारी बाहर में कम ही है। यह विषय शोध का इंतज़ार कर रहा है .
चाहें तो आप गया शहर की गलियों में घूमते हुए वहां के मशहूर तिलकूट और मगही की मिठास का एक साथ आनंद ले सकते है।

2 comments:

  1. bahut shandar

    ---आपका हार्दिक स्वागत है
    गुलाबी कोंपलें

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  2. लेख प्रस्तुत करने की आपकी शैली बहुत अच्छी है । जानकारी भी रोचक है ।
    चीनी यात्री "हुवें सांग" या "ह्वेन सांग" को फिनयिन (Pin Yin) में "Yuan Xuang" (उच्चारित "य्वेन श्वाङ्ग") लिखा जाता है ।
    लेख में वर्तनी में बहुत कुछ सुधार की आवश्यकता है । "साम्रज्य, ह्रदय, उथ्हान, विश्वविदयालय, शव्दों, विशिष्ट तायों, बुदध, श्रंखला" जैसे शब्द जरा खलते हैं । प्रतीत होता है आप किसी रोमन पर आधारित लिप्यन्तरक का प्रयोग करके हिन्दी का टंकण कार्य करते हैं । सीधे देवनागरी की प्रकृति पर आधारित सम्पादित्र (editor) का प्रयोग किया जाय तो वर्तनी में इस प्रकार की अशुद्धियों से बचा जा सकता है ।

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